गंगा आरती त्रिवेणी घाट ऋषिकेश (Ganga Aarti Triveni Ghat Rishikesh)

Ganga Aarti गंगा आरती त्रिवेणी घाट ऋषिकेश पर आयोजित की जाने वाली महाआरती है। इस विषय में अधिक जानकारी से पहले आइए जानते है ऋषिकेश का संक्षिप्त परिचय। वर्तमान में ऋषिकेश, जिला देहरादून, उत्तराखंड में स्थित है। हालांकि शहर इतना अधिक विस्तृत हो गया है कि इसका कुछ भाग टिहरी में और कुछ भाग हरिद्वार जिले में पड़ता है। ऋषिकेश की दूरी देहरादून से 44 किमी और हरिद्वार से लगभग 27 किमी है।

ऋषिकेश (प्राचीन नाम हृषीकेश) का नाम भगवान विष्णु के नाम से लिया गया है, जो हृषीक अर्थात् ‘इन्द्रियों’ और ईश अर्थात् ‘ईश्वर’ शब्दों से बना है। स्कन्द पुराण में, इस क्षेत्र को कुब्जाम्रक के रूप में जाना जाता है, क्योंकि भगवान विष्णु एक आम्र वृक्ष के नीचे प्रकट हुए थे। गंगा के किनारे बसा ऋषिकेश धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टिकोण से धर्म, ज्ञान और योग का महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां की गंगा आरती जो त्रिवेणी घाट पर आयोजित की जाती है, विशेष रूप से प्रसिद्ध है।

गंगा आरती का अर्थ

भारत में  नदियों को माँ के रूप में पूजा जाता है और धार्मिक आस्था से जोड़ कर देखा जाता है। इसीलिए गंगा आरती एक धार्मिक अनुष्ठान है चाहे वह ऋषिकेश में हो अथवा किसी अन्य स्थान पर। आरती में दीपक जलाकर और मंत्रों के  उच्चारण करके देवी गंगा की पूजा की जाती है। यह आरती न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और सामाजिक  कार्यक्रम भी है जो गंगा के प्रति भक्ति और आध्यात्मिकता को दर्शाता है।

गंगा आरती- त्रिवेणी घाट ऋषिकेश

त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश का व्यस्तम घाट है जहां प्रतिदिन सुबह हजारों श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाते हैं और स्नान करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह कहा जाता है कि यह गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम स्थल है, इसी कारण इसका नाम त्रिवेणी घाट पड़ा। यहां पर हर रोज शाम को गंगा जी की आरती आयोजित की जाती है, ऋषिकेश में दो स्थानों पर आरती का आयोजन किया जाता है जिसमें से  एक लक्ष्मण झूला के पास और दूसरी त्रिवेणी घाट पर।

त्रिवेणी घाट पर की जाने वाली आरती को महाआरती भी कहा जाता है। यहां हर रोज हजारों लोग आरती में भाग लेने और दर्शन के लिए आते हैं, यही इस घाट का एक प्रमुख आकर्षण है। यह भव्य एवं आकर्षक आरती श्री गंगा सभा ऋषिकेश द्वारा संचालित एवं आयोजित की जाती है।

 

गंगा आरती – त्रिवेणी घाट ऋषिकेश (Ganga Aarti – Triveni Ghat Rishikesh)

आरती का समय एवं दृश्य

आरती शाम को 6 बजे से शुरू हो कर लगभग 45 मिनट तक चलती है। जबकि श्रद्धालु 5 बजे से ही आने शुरू हो जाते हैं।  सुमधुर भजन, ढोल और घंटियों की ध्वनियों से आरती की शुरुआत होती है। आरती के अन्त में श्रद्धालु फूलों से सजे पत्तल में दीप जलाकर गंगा जी में प्रवाहित करते हैं।

जगमगाते दीयों का यह सुंदर दृश्य हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है। जलते हुए दीये गंगा की धारा के साथ धीरे धीरे आगे बढ़ने लगते हैं, यह मनोरम दृश्य सबका मन मोह लेता है। ऐसे मनोरम दृश्य को देखकर श्रद्धालुओं में अपने मोबाइल और कैमरे में इसे कैद करने होड़ लग जाती है।

त्रिवेणी घाट पर होने वाली गंगा आरती का दृश्य अद्भुत होता है। जब सैकड़ों दीपक जलते हैं और भजन गाए जाते हैं, भक्तों की भावनाओं से वातावरण आध्यात्मिक हो जाता है। यह आरती न केवल ऋषिकेश के लिए बल्कि पूरे भारत में सनातन धर्म में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है। आप जब भी ऋषिकेश की यात्रा पर जाते हैं, तो आपको त्रिवेणी घाट पर होने वाली यह भव्य गंगा आरती को अवश्य देखना और सुनना चाहिए।

यह आरती आपके मन को अत्यंत शांति एवं आध्यात्मिकता का अनुभव देगी। ऐसे भक्तिमय वातावरण में आप एक विशेष आनंद का अनुभव करेंगे।

ऋषिकेश आप सड़क एवं रेल मार्ग से जा सकते हैं। यहाँ उत्तर भारत के कई मुख्य शहरों से सीधी परिवहन सेवाएं उपलब्ध हैं । यहाँ दर्शन के लिए कोई टिकट नहीं लिया जाता, वीडियो एवं फोटोग्राफी के लिए भी कोई रोक नहीं है।

हमारा मानना है कि आपको त्रिवेणी घाट पर होने वाली इस आरती को अवश्य देखना चाहिए। यह आपके लिए एक ऐसा अनुभव होगा ओ आपको जिंदगी में हमेशा याद रहेगा।

इस विडियो के माध्यम से गंगा जी के दर्शन एवं भव्य आरती का आनंद लीजिए।

वीडियो: गंगा आरती – त्रिवेणी घाट ऋषिकेश  

गंगा आरती त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश

 

 

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